गुरुग्राम के सिविल अस्पताल के नामकरण की घोषणा से ब्राह्मण संगठन नाराज,होने लगी चर्चाएं
सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा 14 नवंबर को विधानसभा सत्र के दौरान गुरुग्राम में बनने वाले सिविल अस्पताल का नामकरण श्री गुरुदेव जी के नाम से नामित करने की घोषणा से गुरुग्राम में चर्चाएं शुरू हो गई है।
*बीजेपी सरकार दस वर्षों में नहीं करा पाई अस्पताल का निर्माण*
लोगों में चर्चाएं है कि गुरुग्राम का सरकार अस्पताल पिछले करीब 10 वर्षों से टूटा पड़ा है लेकिन बीजेपी सरकार निर्माण कार्य को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दी।
*सीएम द्वारा नाम की घोषणा से गुड़गांव के बाहमण संगठनों में है रोष*
सीएम द्वारा नामकरण की विधानसभा में घोषणा से जहां ब्राह्मण संगठनों में चर्चाएं हो रही है वहीं यादव समाज में भी इस बात को जोर-शोर से उठाया जा रहा है, शहर वासियों में यह चर्चाएं आम है कि गुरु द्रोणाचार्य की धरती पर उनके भगवान परशुराम के नाम से नामकरण अस्पताल का होना चाहिए था।
*विधानसभा चुनाव में तो भाजपा प्रत्याशी ने पीजीआई की घोषणा की थी,अब मौन क्यों धारण*
विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी मुकेश शर्मा भी गुरुग्राम में पीजीआई लाने के बड़े-बड़े दावे कर रहे थे, वहीं अब चुनाव जीतने के बाद वे तो एकदम से मौन हो गए हैं। उनकी भी बातें केवल दावे ही बनकर रह गई है, शहर वासियों में यह चर्चाएं आम है कि वैसे तो गुरुग्राम में सबसे ज्यादा तादाद ब्राह्मणों की है। यहां पर सिख समुदाय की संख्या काफी कम है।
*क्या सीएम की नामकरण घोषणा से अस्पताल निर्माण पर बवाल तो नहीं है*
सीएम द्वारा गुरुग्राम अस्पताल के नामकरण की घोषणा करना कहीं निर्माण कार्य पर अड़ंगा लटकाना तो नहीं है, उनकी एक सिख गुरु के नाम पर करना कॉफी संदेह की नजरों से देखा जा रहा है, इस बात को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही। लोगों में यह भी चर्चाएं है कि मुख्यमंत्री की इस घोषणा से कहीं गुरुग्राम अस्पताल का निर्माण कार्य को विवादों में लपेटना एक चाल तो नहीं है। जिस प्रकार पहले भी विपक्षी दल उंगलियां उठाते रहे की निजी अस्पताल को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी अस्पताल का निर्माण भाजपा सरकार जानबूझकर नहीं करवा रही है।
*क्या विधानसभा में उठ सकता है नामकरण का मामला*
वहीं गुरुग्राम दक्षिण हरियाणा के अंतर्गत आने के चलते यह भी लोगों में चर्चा है कि इसका नाम तो अहीरवाल के राव तुलाराम के नाम पर भी रखा जा सकता था। वहीं लोगों में चर्चाएं है कि क्या विधानसभा में भी गुडगांव अस्पताल के नामकरण का मामला उठ सकता है जबकि ब्राह्मण समाज के करीब आठ विधायक भाजपा के सदन में जीतकर पहुंचे हैं। लेकिन फिर भी ब्राह्मणों के साथ सौतेला व्यवहार सरकार द्वारा किया जा रहा है। अस्पताल के नाम को लेकर जल्द ही ब्राह्मण समाज बैठक करके अपनी अगली रणनीति बनाएगी।
जिला अस्पताल के नाम को लेकर ब्राह्मण संगठन के पदाधिकारी शशिकांत शर्मा, योगेश शर्मा, पंडित अरुण शर्मा एडवोकेट व सतीश शर्मा ने मीडिया में अपनी अलग-अलग अपनी प्रक्रिया दी है।